” मनोज बाजपेयी जी के साथ काम करना चाहूंगा/एक सपना है ; ज्योतिप्रकाश
गांव की स्वास्थ्य व्यवस्था का कड़वा सच बयान करती है वेब सीरीज “झोलाछाप”; डायरेक्टर ज्योति प्रकाश
भारतीय वायु सेना से लेकर बॉलीवुड में एंट्री करने तक युवा और डायनामिक निर्देशक ज्योतिप्रकाश ने बड़ी हिम्मत दिखाई है। उन्होंने फिल्म जगत में निर्देशक के रूप में शुरुआत की है, उनकी सामाजिक संदेश लिए फ़िल्म झोलाछाप को बहुत सराहा गया है। ज्योतिप्रकाश और इस फिल्म के बारे में उनसे जानते हैं कि इस फिल्म की इस समय आवश्यकता क्यों है।
सवाल: झोलाछाप बनाने की प्रेरणा कहां से मिली/आपके पास आइडिया कैसे आया? हमारा मतलब है इसका कांसेप्ट, कहानी और इसे प्रोड्यूस करना..
जवाब: महामारी के दौरान ही लोगों को स्वास्थ्य के महत्व का एहसास होने लगा जिसने मुझे इस पर ध्यान केंद्रित करने के लिए मजबूर किया। इसके अलावा, उड़ीसा के डॉक्टर शेखरलाल प्रधान अपनी निस्वार्थ सेवा के कारण सुर्खियों में थे। उन्होंने एक अलग स्तर पर एक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को विकसित किया जिसके लिए मुख्यमंत्री श्री नवीन पटनायक ने भी ट्वीट करके उनके काम की तारीफ की थी। इन सभी ने वास्तव में मुझे इसकी कहानी तैयार करने के लिए प्रेरित किया।
सवाल- क्या आप फ़िल्म के परिणाम से संतुष्ट हैं?
जवाब.-यह मेरी पहली कमर्शियल प्रोजेक्ट है। इससे पहले मैंने कई शॉर्ट और टेली फिल्में बनाई हैं जिन्हें राष्ट्रीय तथा अंतराष्ट्रीय विभिन्न फेस्टिवल में सम्मानित किया गया है। लेकिन अगर मैं झोलाछाप के बारे में कहूं, तो मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है और मुझे लगता है कि यह अच्छी तरह से सामने आई है।
सवाल.- बॉलीवुड की बड़ी दुनिया में, क्या आप फिल्म की रिलीज को लेकर घबराए हुए थे और आप कितने आश्वस्त थे कि फिल्म हिट होगी?
जवाब.- यह वास्तव में एक बड़ी चुनौती थी क्योंकि दर्शक हमेशा एक बड़ी स्टारकास्ट को देखने की कोशिश करते हैं। लेकिन मुझे लगता है कि अब चलन बदल रहा है, लोगों ने एक अच्छा कलाकार देखना शुरू कर दिया है और निश्चित रूप से झोलाछाप पसंद किया जाएगा।
प्रश्न.- इस सीरीज में मुख्य कलाकार कौन कौन हैं और आपने केंद्रीय चरित्र को कैसे विकसित किया?
जवाब.- महक मनवानी ने मुख्य किरदार निभाया है। वो एक डॉक्टर की भूमिका निभाई हैं जो ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में नवनियुक्त चिकित्सक हैं। उनके अलावा चित्तरंजन त्रिपाठी और बॉलीवुड के वरिष्ठ कलाकार मुश्ताक खान भी हैं।
सवाल.– कहानी के बारे में कुछ बताएं और यह कई अन्य कहानियों से अलग कैसे होगी?
जवाब.– सबसे पहले, कहानी कुछ सच्ची घटनाओं पर आधारित है। हमारे देश के गांव की स्वास्थ्य व्यवस्था का कड़वा सच को दर्शाया गया है। कहानी में हमने न केवल झोलाछाप डॉक्टरों के बारे में बल्कि सरकारी स्वास्थ्य प्रणाली के गुण और अवगुण के बारे में भी दिखाया है। गांवों में लोग क्यों एमबीबीएस डॉक्टरों से ज्यादा झोलाछाप डॉक्टरों पर भरोसा करते हैं। सरकारी अस्पताल जाने से क्यों कतराते हैं।
सवाल- कुछ यादगार घटनाएं बताएं जो फिल्म की शूटिंग के दौरान घटी होंगी..
जवाब.- जब शूटिंग चल रही थी तो कुछ ग्रामीणों को हमने जूनियर आर्टिस्ट के रूप में लिया था। जब डॉ नेहा एक डॉक्टर की पोशाक में शॉट्स के लिए ग्रामीणों की जाँच कर रही थी, तो गांवों के लोगों ने वास्तव में उसे पीएचसी का असली डॉक्टर समझकर अपने स्वास्थ्य के मुद्दों को बताना शुरू कर रहे थे।
सवाल.- और अधिक फिल्में बनाने के लिए मुंबई जाने की कोई योजना है?
जवाब.- बचपन से ही मेरा रुझान थिएटर और फिल्म के प्रति था। अपने स्कूल के दिनों में मुझे याद है कि मेरा झुकाव पढ़ाई के बजाय कला और नाटक की ओर था। मैंने अपनी नौकरी के दौरान एडिटिंग और एनिमेशन कोर्स किया। मैंने अपनी नौकरी समय से पहले छोड़ दी और फिल्म मेकिंग कोर्स में शामिल हो गया। यह वास्तव में चुनौतीपूर्ण था क्योंकि यह बिल्कुल अलग पेशा था लेकिन मुझे अपने काम पर विश्वास था।
सवाल.- आप खुद को रिलैक्स कैसे रखते हैं?
जवाब.- मेरा एकमात्र विकल्प संगीत और फिल्म है ।
प्रश्न- आपके पसंदीदा फिल्म निर्माता?
उ.- मैं हमेशा राजू हिरानी सर और वेत्रिमारन सर के पफिल्में देखना पसंद करता हूं।
प्र.- एक मौका मिलने पर आप अपनी फिल्म में मुख्य हीरो किसे लेना चाहेंगे?
जवाब ; मैं मनोज बाजपेयी जी के साथ काम करना पसंद करूंगा ।
डायरेक्टर ज्योतिप्रकाश का आकर्षक बॉलीवुड सफर..!